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उत्तर प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के पैसे घटने के आसार नहीं दिख रहे हैं | किसानों की कर्ज माफी के बाद योगी सरकार और दबाव लेने के मूड में नहीं है इसी वजह से शासन को सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं मिल रहा है | यह भी जाने :भारत ने किया अच्छा प्रदर्शन लेकिन जीत नहीं मिल सकी

दूसरे राज्यों ने भले ही VAT घटाकर पेट्रोल और डीजल के दामों में कुछ राहत लोगों को दी हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में फिलहाल ऐसा कुछ संवभ होता नजर नहीं आ रहा है | ना ही तो वैट घटने के आसार हैं, ना ही पेट्रोल और डीजल के दाम कम होने के आसार दिख रहे हैं |

प्रदेश के वाणिज्य कर विभाग में उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा वैट घटाने का कोई प्रस्ताव अब तक राज्य सरकार को नहीं भेजा गया है | वजह है दूसरे राज्यों की तुलना में न सिर्फ वैट का कम होना बल्कि पेट्रोल और डीजल पर तय वैट चार्ज लगना  |

योगी सरकार की किसानों की कर्ज माफी की मांग के बाद, सरकार पर 36 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ चुका है | ऐसे में राज्य का वाणिज्य कर विभाग, जिसके कमाई का सबसे बड़ा जरिया पेट्रोल-डीजल का वैट है वह नए सिरे से वैट कम करने के पक्ष में बिलकुल भी नहीं है | इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है |

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जबकि पटना, भोपाल, देहरादून और दूसरे कई शहरों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की कीमत कम हैं | कई राज्यों से पेट्रोल 4 रुपए प्रति लीटर तो डीजल 5 रुपए प्रति लीटर कम है | ऐसे में सरकार का राजनीतिक नेतृत्व में भले ही वैट कम करने का दबाव डाल रहा हो लेकिन वाणिज्य कर विभाग नहीं चाहता कि उत्तरप्रदेश में वैट कम हो |

वैट कम नहीं होने के लिए कुछ और तर्क दिए जा रहे हैं मसलन उत्तर प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर वैट की राशि पहले से ही फिक्स है | जबकि दूसरे कई राज्यों में वैट प्रतिशत में लगाया जाता है | जो काफी हो जाता है |

उत्तरप्रदेश में पेट्रोल पर 16.78 रुपए तो डीजल पर 9.41 रुपए फ़िक्स्ड वैट लगता है | जिससे दूसरे राज्यों के मुकाबले यहां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि नहीं हो पाती है |

धन्यबाद!

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