टैक्स के नियमो में लगातार होने वाले बदलाब की वजह से टैक्स पेअर से कुछ गलतिया हो जाती है | जो टैक्स रिटर्न रिवाइज होने की बड़ी वजह बनती है. | मौजूद टैक्स लॉ के अनुसार जिस भी व्यक्ति की सालाना आमदनी 50 लाख रुपये से अधिक होती है |

उन्हें अपनी संपत्ति और प्रॉपर्टी की घोषणा करने की जरुरत होती है. | और आपको बतादें कि इस बात की जानकारी कुछ ही टैक्स पेअर को होती है | एचएंडआर ब्लॉक इंडिया ब्लॉक इंडिया के निदेशक ने कहा ,’कि इस तरह के मामलों में लोगो के पास रिवाइज्ड रिटर्न करने के रूप में कई ओप्शन्स उपलब्ध होते है |
कौन रिवाइज्ड रिटर्न भर सकता है जानिए –

आई टी रिटर्न समय से ही फाइल करने के बहुत से फायदे है | और उसमे सबसे अच्छा फायदा यह है | कि आप इसे रिवाइज्ड कर सकते है | हालाँकि रिवीजन प्रोसेस के लिए यह जरुरी होता है | कि आप रिटर्न को वेरीफाई ना करें | अगर आपने इसे ऑनलाइन भरा है | और आप इसे रिवाइज करना चाह रहे है | इसकी वजह एक ही हो सकती है | कि अगर आप रिटर्न को वेरिफाई कर चुके हो तो आयकर विभाग इसे प्रोसेस करना शुरू कर देगा | अगर आपकी जैसे ही कोई गलती नोटिस की, इसके बाद इसमें करेक्शन अवश्य करें जिससे कि आप पेनल्टी से बच सकें |

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इसलिए जैसे ही आपसे अपनी टैक्स रिटर्न में कोई गलती होती है तो आप अपनी गलतिया ठीक करते हुए रिवाइज्ड रिटर्न भर सकते है |और आप खुद पर लगाने वाले जुर्माने को बचा सकते है | आयकर कानून टैक्सपेयर को यह करने की इजाजत भी देता है | जिससे कि वो अपनी गलतियों को ठीक भी कर सकें | और इसे 139 (5) के तहत रिवाइज किया जाता है |अगर किसी व्यक्ति ने वित्त वर्ष 2015 -16 के लिए ओरिजिनल रिटर्न ड्यू डेट में गलती से भी फाइल कर दिया है | तो वह 31 मार्च 2018 से पहले अपना रिवाइज्ड रिटर्न भर सकता है |

कितनी बार रिटर्न रिवाइज कर सकते हैं?-

अगर किसी व्यक्ति ने वित्त वर्ष 2015 -16 के लिए 5 अगस्त 2016 से पहले रिटर्न फाइल कर चूका है | तो अब आप 31 मार्च 2018 तक कितनी भी बार चाहें, इसे रिवाइज कर सकते हैं |

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रिटर्न को वेरिफाई कैसे करें-

ऑनलाइन रिवाइज किया गया रिटर्न वेरिफाई अवश्य करना चाहिए.| इसे नेट बैंकिंग, या आधार ओ टी पी के जरिये भी वेरिफाई कर सकते हैं | आप रिवाइज्ड रिटर्न का आईटीआर-v सीपीसी बेंगलुरु को भेज सेंड कर दीजिये | यह एक अटैचमेंट के रूप में आपको आईटी डिपार्टमेंट रजिस्टर्ड ईमेल पर भेजता है | जब कोई भी ऑनलाइन रिटर्न भरता हैं |आप रिवाइज्ड रिटर्न ऑनलाइन या फिजिकल मोड में भर सकते हैं |अगर आप एक बार से अधिक अपनी रिटर्न रिवाइज कर चुके है | तो पहली बार आपको एक्नॉलेजमेंट नंबर और रिटर्न फाईलिंग की तारीख ओरिजिनल रिटर्न वाली डालनी पड़ती है |

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