आंवला के पौधों को लगाने का सही तरीका | आंवला महत्वपूर्ण व्यापारिक महत्व का फल है | इस फल में विटामिन सी की मात्रा चीनी के बाद सबसे अधिक पाई जाती है|  आंवला के फलों में कार्बोहाइड्रेट खनिज लवण निशा की मात्रा अधिक होती है| आंवला की ग्राफ्टिंग पेड़ मध्यम ऊंचाई वाले एवं एक बार लगाने के बाद 40 से 50 वर्ष की उम्र तक फलते फूलते रहते हैं | आंवला के पेड़ों पर दो प्रकार के प्रयोग शाखाएं पाई जाती हैं|  जिनकी आयु तकरीबन 1 वर्ष की होती है|

शाखाओं पर ही उत्पन्न होता है तथा प्रति वर्ष पुरानी सीमित प्रभात अप्रैल में गिर जाते हैं और निकलते हैं जिन पर उसी समय लगते हैं| जोगी आंवला के पेड़ काफी दूरी पर लगाए जाते हैं शुरुआती दिनों में चना मटर मूंग ग्वार इत्यादि लगाकर भी आमदनी की जा सकती है |

आंवला के पौधों को लगाने का सही तरीका

  1. पौधे लगाने से पहले खीर की अच्छी तरीके से जुताई करनी चाहिए और भूमि को समतल कर लेना चाहिए|
  2. भूमि में सिंचाई नालियों पर जल निकास की उचित व्यवस्था कर लेनी चाहिए |
  3. इसके बाद मई जून के महीने में 8 से 10 मीटर की दूरी पर एक घन मीटर आकार के गड्ढे खुदे |
  4. जिस भूमि में 1 से 3 मीटर गहराई पर कठोर | पर 10 से 15 दिन से उपचारित होने के बाद |
  5. 30 से 40 किलो देसी खाद की ऊपरी इलाकों से बचने के ग्राम इंदौर सल्फान चार प्रतिशत के हिसाब से हाथ मिला सकते हैं |
  6. एक अच्छी वर्षा होने दी कर दी ताकि मिट्टी अच्छी तरीके से बैठ जाए आंवला के पौधे लगाए जा सकते हैं |

पेड़ पौधों की कटाई छटाई

  1. आंवला के पौधों को ज्यादा कटाई छटाई की आवश्यकता नहीं होती है |
  2. शुरू की वर्षों में आप 70 से 80 सेंटीमीटर की ऊंचाई पर मुख्य तने को काटकर |
  3. अंतर वाली चोरी कोनार शाखाओं का प्रेम बना सकते हैं|
  4. इसके अंदर याद प्रतिवर्ष तोड़ने के पश्चात कमजोर और छात्राओं को काटते रहना चाहिए|

पौधों में खाद कैसे डालें

  1. आंवला का बड़ा बीपी 4 वर्ष को 15 से 20 ग्राम तथा बहुत बड़े व्यस्त ब्रिज जो 5 साल से अधिक के हैं |
  2. उनको 30 से 40 किलोग्राम गोबर की खाद जुलाई से अगस्त महीने में हर साल देनी चाहिए|
  3. इसके अलावा 30 ग्राम प्रति वर्ष उम्र की दर से 10 वर्ष तक तथा इसके बाद 620 से 900 ग्राम प्रति वर्ष देना चाहिए |
  4. आंवला को 1 किलोग्राम सुपर फास्फेट भी देना चाहिए |

आंवला के पौधों की सिंचाई

  1. पौधे लगाने के बाद तुरंत सिंचाई करें|
  2. उसके बाद 7:00 से 10:00 अंतर पर पहले 2 साल तक सिंचाई करें |
  3. उसके बाद गर्मी 20 दिन वह सर्दी में 20 से 25 दिन छोड़कर सिंचाई कर सकते हैं |
  4. ऋतु में आमतौर पर सिंचाई की आवश्यकता नहीं रहती है |
  5. लेकिन 1 वर्ष के अंतराल 1 महीने से ज्यादा रहेगी अवश्य करनी चाहिए |

पौधों का रोग व कीट नियंत्रण

आंवला के फलों का विकास उनकी उपज

  1. आंवला के पौधों के उचित रखरखाव की स्थिति में चार पांच साल बाद फल देना शुरू कर देते हैं |
  2. फल फूल आने की साथी लग जाते हैं |
  3. लेकिन जून के महीने तक इस अवस्था में रहते हैं|  तथा दिखाई नहीं देते हैं |
  4. जुलाई-अगस्त में बढ़ना शुरू करते हैं तथा दिखाई पड़ते हैं |
  5. आरंभ में हल हरे रंग के होते हैं जो की परिपक्वता पर हल्के पीले रंग में बदल जाते हैं|
  6. और कुछ किस्मों में ईद के रंग के हो जाते हैं |
  7. हर किस्म के अनुसार नवंबर से फरवरी तक पकते हैं |
  8. जब कुछ प्रकार नवंबर में ही पक्के तैयार हो जाते हैं |
  9. जबकि दूसरे प्रकार जनवरी से 15 वर्ष की उम्र में आसानी से हो सकते हैं |

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By Sahi Tarika

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