आसमान में ग्रहों की परेड 2025 में छह ग्रहों का दुर्लभ संरेखण

आसमान में ग्रहों की परेड 2025 में छह ग्रहों का दुर्लभ संरेखण

आसमान में ग्रहों की परेड 2025 में छह ग्रहों का दुर्लभ संरेखण

2025 में, खगोल प्रेमियों के लिए एक विशेष अवसर है। 21 जनवरी 2025 को, सूर्यास्त के बाद, छह ग्रह—मंगल, बृहस्पति, शनि, शुक्र, यूरेनस और नेपच्यून—आसमान में एक साथ संरेखित होंगे। इस घटना को ‘ग्रहों की परेड’ कहा जाता है, जो खगोल विज्ञान में एक दुर्लभ और रोमांचक घटना मानी जाती है।

आसमान में ग्रहों की परेड 2025 में छह ग्रहों का दुर्लभ संरेखण

ग्रहों की परेड क्या है?

ग्रहों की परेड तब होती है जब सूर्य, पृथ्वी और अन्य ग्रह एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, जिससे ये ग्रह आकाश में एक साथ दिखाई देते हैं। यह घटना खगोल विज्ञान में विशेष महत्व रखती है और खगोल प्रेमियों के लिए एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती है।

2025 की ग्रहों की परेड: विशेषताएँ और समय

  • तिथि और समय:
    • 21 जनवरी 2025 को सूर्यास्त के बाद, लगभग शाम 6 बजे से 9 बजे तक।
  • दृश्यता:
    • मंगल, बृहस्पति, शनि और शुक्र नग्न आंखों से देखे जा सकते हैं।
    • यूरेनस और नेपच्यून को देखने के लिए दूरबीन या उच्च-शक्ति वाले बाइनोकुलर की आवश्यकता होगी।
  • स्थान:
    • भारत के अधिकांश हिस्सों में यह घटना देखी जा सकेगी, बशर्ते मौसम साफ हो।

देखने के लिए सुझाव

  1. स्थान का चयन:
    • खुले और अंधेरे स्थानों का चयन करें, जहां आकाश में कम से कम प्रकाश प्रदूषण हो।
  2. उपकरण:
    • नग्न आंखों से मंगल, बृहस्पति, शनि और शुक्र देखे जा सकते हैं।
    • यूरेनस और नेपच्यून के लिए दूरबीन या उच्च-शक्ति वाले बाइनोकुलर का उपयोग करें।
  3. समय:
    • सूर्यास्त के बाद, लगभग शाम 6 बजे से 9 बजे तक का समय उपयुक्त होगा।
  4. मौसम:
    • मौसम साफ और आकाश में बादल रहित होना चाहिए।

ग्रहों की परेड का महत्व

  • शिक्षा:
    • यह घटना खगोल विज्ञान के अध्ययन में रुचि बढ़ाती है और छात्रों को ग्रहों के संरेखण के बारे में जानकारी देती है।
  • सामाजिक:
    • यह खगोल प्रेमियों को एकत्रित होने और साझा अनुभव प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है।
  • सांस्कृतिक:
    • ऐसी घटनाएँ विभिन्न संस्कृतियों में उत्सव और उत्साह का कारण बनती हैं।

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